प्राग्मौर्यकाल – समाज और संस्कृति ( ६०० ई०पू० से ३२१ ई०पू० )

भूमिका प्राग्मौर्यकाल ( The Pre-Mauryan Age ) गंगाघाटी में सामाजिक तथा आर्थिक परिवर्तनों की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण रहा है। इस काल की सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों का अध्ययन हम ब्राह्मण तथा ब्राह्मणेतर साहित्य के अतिरिक्त विभिन्न स्थलों के उत्खनन से प्राप्त किये गये पुरातात्त्विक अवशेषों के आधार पर भी करते हैं। इस काल के भारतीय जीवन […]

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वाराणसी ( काशी )

भूमिका वाराणसी भारतीय उप-महाद्वीप पर सबसे पुरातन ऐसी नगरी है जहाँ मानव आवास अपनी निरन्तरता बनाये हुए हैं। महाजनपद काल में वाराणसी काशी महाजनपद की राजधानी थी। बौद्ध साहित्यों में वर्णित छठी शताब्दी ई० पू० के छः महानगरों में से वाराणसी भी एक थी। यह पुरातन समय से ही धार्मिक, सांस्कृतिक, शिक्षा और आर्थिक गतिविधियों

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साकेत

भूमिका साकेत अयोध्या ( उत्तर प्रदेश ) का एक उपनगर था। इसकी स्थापना का विवरण हमें रामायण में मिलता है। इसकी स्थापना बौद्धकाल से पहले या निकट पूर्व बौद्धकाल में बना हुआ नगर था। बौद्ध ग्रंथ ‘महापरिनिर्वाण सूत्र’ में इसकी गणना छठीं शताब्दी ई० पू० के छः महानगरों में की गयी है।सामान्य लोक अनुश्रुति में

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श्रावस्ती ( सहेत-महेत)

भूमिका श्रावस्ती कोसल महाजनपद की राजधानी थी। बौद्ध ग्रंथ ‘महपरिनिर्वाणसूत्र’ के अनुसार यह छठीं शताब्दी ई०पू० की प्रसिद्ध छः महानगरों में से एक थी। श्रावस्ती की पहचान उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जनपद के ‘सहेत-महेत’ से की गयी है। यहाँ पर इसके ध्वंसावशेष प्राप्त होते हैं। श्रावस्ती राप्ती नदी ( अचिरावती नदी ) के दायें तट

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राजगृह ( राजगीर )

भूमिका बिहार राज्य के नालन्दा जनपद में वर्तमान राजगीर नामक स्थान ही राजगृह है। यहाँ मगध महाजनपद की प्रारम्भिक राजधानी थी। इसका नाम गिरिब्रज भी मिलता है। राजगृह चतुर्दिक् पहाड़ियों से घिरा हुआ था। महाभारत काल में राजगृह एक तीर्थ माना जाता था। नामकरण प्राचीन काल में राजगीर को एक से अधिक नामों से जाना जाता

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चम्पा ( मालिनी )

भूमिका चम्पा अंग महाजनपद की राजधानी थी। चम्पा की पहचान वर्तमान भागलपुर जनपद में गंगा और चंपा नदी के संगम पर स्थिति चंपापुरी या चंपानगरी से की जाती है। अंग महाजनपद बिहार प्रांत के वर्तमान भागलपुर और मुंगेर जनपद की भूमि पर स्थित था। महाभारत और पुराणों में चम्पा का एक नाम मालिनी भी मिलता

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वैशाली

भूमिका बिहार प्रान्त के वैशाली जनपद में स्थित आधुनिक बसाढ़ ( Basarh ) नामक स्थान ही प्राचीन काल का वैशाली नगर था। रामायण में इसे ‘विशाला’ कहा गया है। यह ध्यान देने की बात है कि मुजफ्फरनगर जनपद में स्थिति कोल्हुआ ( Kolhua ) से भी वैशाली के अवशेष मिलते हैं। कोल्हुआ के पास ही

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हस्तिनापुर

भूमिका महाभारत काल का प्रसिद्ध नगर ‘हस्तिनापुर’ मेरठ से २२ मील ( ≈ ३५ किलोमीटर ) उत्तर-पूर्व में गंगा नदी की प्राचीन धारा के तट पर बसा हुआ था। महाभारत काल में यहाँ कौरवों की राजधानी थी। महाभारत युद्ध के बाद इस नगर का गौरव समाप्त हो गया तथा अन्तोगत्वा यह गंगा नदी के प्रवाह

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कौशाम्बी

भूमिका कौशाम्बी पालि साहित्यों में उल्लिखित छठीं शताब्दी ई०पू० का छः प्रसिद्ध नगरों में से एक था। यह वत्स महाजनपद की राजधानी थी। इसकी पहचान उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जनपद के मंझनपुर तहसील में स्थित कोसम नामक स्थान से की गयी है। यह नगरी प्रयागराज जनपद मुख्यालय से दक्षिण-पश्चिम में लगभग ३३ मील ( ≈

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भारत पर सिकन्दर का आक्रमण, कारण और प्रभाव

भूमिका हखामनी आक्रमण के पश्चात् पश्चिमोत्तर भारत एक दूसरे यूनानी आक्रमण का शिकार हुआ। यह यूरोपीय विजेता सिकन्दर के नेतृत्व में होने वाला मकदूनियाई आक्रमण था जो पहले की अपेक्षा कहीं अधिक भयावह सिद्ध हुआ। सिकन्दर मेसीडोन के क्षत्रप फिलिप द्वितीय (३५९-३३६ ईसा पूर्व) का पुत्र था। पिता की मृत्यु के पश्चात् २० वर्ष की

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