गुप्त साम्राज्य का पतन | गुप्त साम्राज्य के पतन के कारण
भूमिका दो शताब्दियों के निरन्तर उत्थान के पश्चात् शक्तिशाली गुप्त साम्राज्य का छठी शताब्दी के मध्य तक पतन होना एक युगान्तरकारी...
Read Moreविष्णुगुप्त (≈५४३ ई० – ५५० ई०)
भूमिका कुमारगुप्त तृतीय के बाद विष्णुगुप्त () शासक बना। वह ५४३ ई० में शासक बना और ५५० ईस्वी तक राज्य करता...
Read Moreकुमारगुप्त तृतीय (≈ ५३० ई० – ५४३ ई०)
भूमिका नरसिंहगुप्त बालादित्य के बाद उसका पुत्र कुमारगुप्त () तृतीय मगध का राजा बना। उसके माता का नाम महादेवी मित्रदेवी मिलता...
Read Moreवैन्यगुप्त (५०७ ई०)
भूमिका वैन्यगुप्त के विषय में हमारी जानकारी का मुख्य स्रोत वर्तमान बाँग्लादेश के कोमिल्ला में स्थित गुणैधर का ताम्रपत्र और नालन्दा...
Read Moreभानुगुप्त (५१० ई०)
भूमिका ५१० ई० में हम मालवा पर भानुगुप्त को शासन करता हुआ पाते हैं। गुप्त राजवंश से इसका सम्बन्ध अस्पष्ट है।...
Read Moreनरसिंहगुप्त ‘बालादित्य’ (४९५ ई० से लगभग ५३० ई०)
नरसिंहगुप्त () बुधगुप्त की मृत्यु के बाद शासक बना। यह पुरुगुप्त का पुत्र और बुधगुप्त का छोटा भाई था। इसकी उपाधि...
Read Moreबुधगुप्त (४७६-४९५ ई०)
कुमारगुप्त द्वितीय के अनन्तर बुधगुप्त () शासक हुआ। परवर्ती गुप्त शासकों में बुधगुप्त सर्वाधिक शक्तिशाली शासक था। संक्षिप्त परिचय नाम बुधगुप्त...
Read Moreकुमारगुप्त द्वितीय (४७३ ई०)
भूमिका पुरुगुप्त के बाद सम्भवतया कुमारगुप्त द्वितीय कुछ समय के लिए स्वतंत्र शासक बना था। उसका इतिहास बहुत ही उलझा हुआ...
Read Moreपुरुगुप्त (४६७-४७६ ईस्वी)
भूमिका स्कन्दगुप्त की मृत्यु के पश्चात् गुप्त साम्राज्य का पतन प्रारम्भ हो गया। उपलब्ध प्रमाणों के आधार पर स्कन्दगुप्त के उत्तराधिकारियों...
Read Moreस्कन्दगुप्त ‘क्रमादित्य’ (≈ ४५५-४६७ ईस्वी)
भूमिका कुमारगुप्त प्रथम की मृत्यु के पश्चात् गुप्त साम्राज्य की बागडोर उसके सुयोग्य पुत्र स्कन्दगुप्त () के हाथों में आयी। जूनागढ़...
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