सांस्कृतिक-ऐतिहासिक स्थल

वाराणसी ( काशी )

भूमिका वाराणसी भारतीय उप-महाद्वीप पर सबसे पुरातन ऐसी नगरी है जहाँ मानव आवास अपनी निरन्तरता बनाये हुए हैं। महाजनपद काल में वाराणसी काशी महाजनपद की राजधानी थी। बौद्ध साहित्यों में वर्णित छठी शताब्दी ई० पू० के छः महानगरों में से वाराणसी भी एक थी। यह पुरातन समय से ही धार्मिक, सांस्कृतिक, शिक्षा और आर्थिक गतिविधियों […]

वाराणसी ( काशी ) Read More »

साकेत

भूमिका साकेत अयोध्या ( उत्तर प्रदेश ) का एक उपनगर था। इसकी स्थापना का विवरण हमें रामायण में मिलता है। इसकी स्थापना बौद्धकाल से पहले या निकट पूर्व बौद्धकाल में बना हुआ नगर था। बौद्ध ग्रंथ ‘महापरिनिर्वाण सूत्र’ में इसकी गणना छठीं शताब्दी ई० पू० के छः महानगरों में की गयी है।सामान्य लोक अनुश्रुति में

साकेत Read More »

श्रावस्ती ( सहेत-महेत)

भूमिका श्रावस्ती कोसल महाजनपद की राजधानी थी। बौद्ध ग्रंथ ‘महपरिनिर्वाणसूत्र’ के अनुसार यह छठीं शताब्दी ई०पू० की प्रसिद्ध छः महानगरों में से एक थी। श्रावस्ती की पहचान उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जनपद के ‘सहेत-महेत’ से की गयी है। यहाँ पर इसके ध्वंसावशेष प्राप्त होते हैं। श्रावस्ती राप्ती नदी ( अचिरावती नदी ) के दायें तट

श्रावस्ती ( सहेत-महेत) Read More »

राजगृह ( राजगीर )

भूमिका बिहार राज्य के नालन्दा जनपद में वर्तमान राजगीर नामक स्थान ही राजगृह है। यहाँ मगध महाजनपद की प्रारम्भिक राजधानी थी। इसका नाम गिरिब्रज भी मिलता है। राजगृह चतुर्दिक् पहाड़ियों से घिरा हुआ था। महाभारत काल में राजगृह एक तीर्थ माना जाता था। नामकरण प्राचीन काल में राजगीर को एक से अधिक नामों से जाना जाता

राजगृह ( राजगीर ) Read More »

चम्पा ( मालिनी )

भूमिका चम्पा अंग महाजनपद की राजधानी थी। चम्पा की पहचान वर्तमान भागलपुर जनपद में गंगा और चंपा नदी के संगम पर स्थिति चंपापुरी या चंपानगरी से की जाती है। अंग महाजनपद बिहार प्रांत के वर्तमान भागलपुर और मुंगेर जनपद की भूमि पर स्थित था। महाभारत और पुराणों में चम्पा का एक नाम मालिनी भी मिलता

चम्पा ( मालिनी ) Read More »

वैशाली

भूमिका बिहार प्रान्त के वैशाली जनपद में स्थित आधुनिक बसाढ़ ( Basarh ) नामक स्थान ही प्राचीन काल का वैशाली नगर था। रामायण में इसे ‘विशाला’ कहा गया है। यह ध्यान देने की बात है कि मुजफ्फरनगर जनपद में स्थिति कोल्हुआ ( Kolhua ) से भी वैशाली के अवशेष मिलते हैं। कोल्हुआ के पास ही

वैशाली Read More »

हस्तिनापुर

भूमिका महाभारत काल का प्रसिद्ध नगर ‘हस्तिनापुर’ मेरठ से २२ मील ( ≈ ३५ किलोमीटर ) उत्तर-पूर्व में गंगा नदी की प्राचीन धारा के तट पर बसा हुआ था। महाभारत काल में यहाँ कौरवों की राजधानी थी। महाभारत युद्ध के बाद इस नगर का गौरव समाप्त हो गया तथा अन्तोगत्वा यह गंगा नदी के प्रवाह

हस्तिनापुर Read More »

कौशाम्बी

भूमिका कौशाम्बी पालि साहित्यों में उल्लिखित छठीं शताब्दी ई०पू० का छः प्रसिद्ध नगरों में से एक था। यह वत्स महाजनपद की राजधानी थी। इसकी पहचान उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जनपद के मंझनपुर तहसील में स्थित कोसम नामक स्थान से की गयी है। यह नगरी प्रयागराज जनपद मुख्यालय से दक्षिण-पश्चिम में लगभग ३३ मील ( ≈

कौशाम्बी Read More »

अश्मक

भूमिका अश्मक षोडश महाजनपदों में से एक था। यह एकमात्र ऐसा महाजनपद था जो कि दक्षिण भारत में स्थित था। इसको अस्सक और अश्वक भी कहते है। इसकी राजधानी पोटिल या पोटलि या पोतन या पोतना नाम से जानी जाती थी। पोतना की पहचान बोधन से की गयी है जो वर्तमान में निज़ामाबाद जनपद, तेलंगाना

अश्मक Read More »

अवमुक्त

भूमिका अवमुक्त का उल्लेख हमें ब्रह्मपुराण और गुप्त सम्राट समुद्रगुप्त के प्रयाग प्रशस्ति में मिलता है : ब्रह्मपुराण के अनुसार यह गोदावरी नदी के तट पर स्थित था। समुद्रगुप्त के प्रयाग प्रशस्ति के १९वें व २०वें पंक्ति में इसका विवरण सुरक्षित है। अवमुक्त : प्रयाग प्रशस्ति में उल्लेख १९वीं पंक्ति : कौसलक-महेन्द्र-माह[।]कान्तारक-व्याघ्रराज-कौरलक-मण्टराज-पैष्टपुरक-महेन्द्रगिरि-कौट्टूरक-स्वमिदत्तैरण्डपल्लक-दमन-काञ्चेयक-विष्णुगोपावमुरक्तक- २०वीं पंक्ति :

अवमुक्त Read More »

Index
Scroll to Top