अतरंजीखेड़ा ( Atranjikhera )

भूमिका अतरंजीखेड़ा उत्तर प्रदेश के एटा जनपद में गंगा नदी की सहायिका काली नदी के तट पर स्थित एक पुरातात्त्विक स्थल है। अनुश्रुति के अनुसार इस स्थान की नींव बेन ( बेण ) नामक राजा ने डाली थी। यहाँ स्थित टीले की खोज १८६१ – १८६२ ई० में एलेक्जेंडर कनिंघम ने की थी। चीनी यात्री […]

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अजन्ता की गुफाएँ ( Ajanta Caves )

भूमिका भारतीय भित्तिचित्र कला ने अपनी पराकाष्ठा गौरवशाली गुप्तकाल में देखी जिसकी अभिव्यक्ति अजन्ता और बाघ के गुफा चित्रों में हुई। इसमें से भी गुप्तकालीन चित्रकला के सर्वोत्कृष्ट उदाहरण अजंता से प्राप्त होते हैं। विश्व कला के इतिहास में अजंता की अनुपम चित्रशाला अद्वितीय है। गुप्त व वाकाटक राज्यों के संयुक्त सांस्कृतिक प्रभाव के द्वारा

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ब्रह्मगिरि , चित्रदुर्ग; कर्नाटक

भूमिका ब्रह्मगिरि ( Brahmagiri ) पुरास्थल वर्तमान कर्नाटक राज्य ( प्राचीन मैसूर ) के चित्तलदुर्ग ( चित्रदुर्ग ) जनपद में स्थित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यहाँ पर ऋषि गौतम अपनी पत्नी अहल्या के साथ रहते थे। गौतम ऋषि सप्तर्षियों में से एक हैं। ब्रह्मगिरि के निकट ही सिद्धपुर और जटिंगरामेश्वर भी स्थित है। ब्रह्मगिरि,

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रूपनाथ ( Rupnath ), कटनी; मध्यप्रदेश

परिचय रूपनाथ ( Rupnath ) मध्य प्रदेश के जबलपुर से उत्तर दिशा में कैमूर पर्वत शृंखला के दक्षिणी छोर पर कटनी जनपद में स्थित है। यह एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है। रूपनाथ : संक्षिप्त परिचय नाम – रूपनाथ ( Rupnath ) स्थिति – कटनी जनपद, मध्य प्रदेश। महत्त्व – अशोक का लघु शिलालेख मिला

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भाब्रू या बैराठ या विराटनगर

  भूमिका भाब्रू या बैराठ का प्राचीन नाम विराटनगर मिलता है। यह राजस्थान प्रान्त के जयपुर जनपद में बाणगंगा नदी के तट पर स्थित है। बाणगंगा नदी बैराठ की पहाड़ियों से निकलती है। यह गंभीर नदी की सहायक और यमुना की उपसहायक नदी है। यहीं पर बैराठ सभ्यता पुष्पित-पल्लवित हुई थी। यहाँ ( भाब्रू या

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ऐहोल ( Aihole )

भूमिका ऐहोल ( Aihole ) कर्नाटक प्रांत के बागलकोट जनपद में मालप्रभा नदी के तट पर स्थित है।  इसको मन्दिरों का नगर’ ( Town of Temples ) भी कहा गया है। यहाँ से लगभग ७० मन्दिरों के अवशेष प्राप्त हुए हैं। जैन कवि रविकीर्ति विरचित पुलकेशिन् द्वितीय का ऐहोल अभिलेख भी यहीं से मिलता है।

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एलोरा की गुफाएँ ( Ellora Caves )

भूमिका एलोरा महाराष्ट्र प्रान्त के औरंगाबाद जनपद में स्थित है। यह औरंगाबाद से २९ किलोमीटर उत्तर-पश्चिम और अजन्ता से १३५ किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में है। पास में ही ‘वेलगंगा नदी’ प्रवाहित होती है। यहाँ से मिले उत्कीर्ण अभिलेख के अनुसार इसका प्रचीन नाम ‘एलापुर अंचल’ था। इसका एक अन्य नाम ‘वैरूल’ भी मिलता है। प्राचीन समय

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एरण्डपल्ल ( Erandpalla )

भूमिका एरण्डपल्ल ( Erandpalla or Erandapalla ) की पहचान आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम् जनपद में स्थित इसी नाम के स्थान से की गयी है। एरण्डपल्ल – पहचान और विवाद इतिहासकार फ्लीट ( J.F. Fleet )१ ने एरण्डपल्ल का समीकरण खानदेश के एरण्डोल ( erandol ) नामक स्थान से किया है। के० एन० दीक्षित और वाई०

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एलीफैंटा

स्थिति एलीफैंटा या एलीफेंटा द्वीप ( Elephanta island ) वर्तमान मुम्बई से लगभग १० किमी० पूर्व और मुख्य भूमि से लगभग ३ किमी० पश्चिमी में स्थित है। एलीफैंटा द्वीप का आकार ज्वार के प्रभाव में १० से १६ वर्ग किमी० क्षेत्रफल में घटता-बढ़ता रहता है। इसका पूर्व नाम धारापुरी था जो एक दुर्ग नगर (

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एरण या एरकिण

भूमिका एरण मध्य प्रदेश के सागर जनपद में मालवा के पठार से बहने वाली बेतवा की सहायक बीना नदी के तट पर स्थित है। इसका एक अन्य प्रचीन नाम ‘एरकिण’ भी मिलता है। एरण का संक्षिप्त इतिहास  इसका इतिहास प्रागैतिहासिक काल तक जाता है। यहाँ से चार सांस्कृतिक स्तर मिलते हैं :— एक, ताम्रपाषाणिक संस्कृति

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