अयोध्या

भूमिका अयोध्या ( Ayodhya ) उत्तर प्रदेश प्रान्त में स्थित एक धार्मिक व ऐतिहासिक महत्त्व की नगरी है। यह पावन सरयू नदी के दायें तट पर बसी हुई है। इसकी प्रसिद्धि का कारण मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की जन्मस्थली है। हिन्दू धर्मावलम्बियों के साथ-साथ यह जैनियों एवं बौद्धों के लिए भी पवित्र मानी गयी है। इसका […]

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अपरान्त

भूमिका अपरान्त प्राचीनकाल में भारतीय उप-महाद्वीप के पश्चिम में स्थित उत्तरी कोंकण को कहा जाता था। अपरान्त ( अपर + अन्त ) का अर्थ है ‘पश्चिम का अंत’ अर्थात् भारतीय उप-महाद्वीप का पश्चिमी भू-भाग। वर्तमान में यह महाराष्ट्र प्रांत में स्थित है। प्राचीन शूर्पारक बंदरगाह अपरांत में ही स्थित था। पुरातन साहित्यों में उत्तरी कोंकण के

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अफसढ़ ( Aphsad )

 भूमिका अफसढ़ ( Aphsad / Aphsarh ) बिहार प्रांत के नवादा जनपद में स्थित है। पास में ही सिक्री नदी  ( Sikri River ) बहती है। यह नवादा ( Nawada ) जनपद मुख्यालय से उत्तर-पूर्व में लगभग ४६ किलोमीटर और वारिसलीगंज ( Warisaliganj ) से लगभग ९ किलोमीटर उत्तर की दिशा में स्थित है। अफसढ़

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अनूप जनपद

भूमिका अनूप जनपद प्राचीन काल में अवन्ति महाजनपद का दक्षिणी भाग था। यह मध्य प्रदेश के खरगौन जनपद में महेश्वर व उसके आसपास भूभाग से मिलकर बनता था। यह नर्मदा नदी के तट पर बसा हुआ था। अनूप जनपद में ही माहिष्मती बसी थी जिसकी पहचान वर्तमान महेश्वर ( खरगोन ) से की जाती है।

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अहिच्छत्र ( Ahichchhtra )

भूमिका अहिच्छत्र ( Ahichchhtra ) की पहचान उत्तर प्रदेश के बरेली जनपद के आँवला तहसील में स्थित रामनगर से की गयी है। यह उत्तर वैदिक काल में उत्तरी पाञ्चाल की राजधानी थी। महाभारत और पूर्व बौद्ध काल में यह एक प्रसिद्ध नगर था। यह हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्म से सम्बन्धित स्थान रहा है। ऐसा

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बाघ की गुफाएँ

भूमिका बाघ की गुफाएँ और उनमें भित्तिचित्रों का निर्माण गुप्तकाल में किया गया। बाघ के गुफाओं की संख्या ९ है। अजन्ता की गुफा संख्या १६, १७ और १९ एवं बाघ की गुफाएँ समकालीन ( गुप्तकालीन ) हैं। जहाँ एक ओर अजन्ता के भित्तिचित्र धार्मिक विषयों पर आधारित हैं तो दूसरी ओर बाघ के भित्तिचित्रों का

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अन्हिलवाड़ ( Anhilwara )

भूमिका अन्हिलवाड़ ( Anhilwara ) गुजरात प्रांत के पाटन जनपद में स्थित है। वर्तमान में इसका नाम पाटन या पाटण ( Patan ) है। यह मध्यकाल में गुजरात की राजनीतिक सत्ता का केन्द्र एक लम्बें समय तक रहा है। अन्हिलवाड़ सरस्वती नदी के तट पर बसा है। यहाँ पर यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है

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अतरंजीखेड़ा ( Atranjikhera )

भूमिका अतरंजीखेड़ा उत्तर प्रदेश के एटा जनपद में गंगा नदी की सहायिका काली नदी के तट पर स्थित एक पुरातात्त्विक स्थल है। अनुश्रुति के अनुसार इस स्थान की नींव बेन ( बेण ) नामक राजा ने डाली थी। यहाँ स्थित टीले की खोज १८६१ – १८६२ ई० में एलेक्जेंडर कनिंघम ने की थी। चीनी यात्री

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अजन्ता की गुफाएँ ( Ajanta Caves )

भूमिका भारतीय भित्तिचित्र कला ने अपनी पराकाष्ठा गौरवशाली गुप्तकाल में देखी जिसकी अभिव्यक्ति अजन्ता और बाघ के गुफा चित्रों में हुई। इसमें से भी गुप्तकालीन चित्रकला के सर्वोत्कृष्ट उदाहरण अजंता से प्राप्त होते हैं। विश्व कला के इतिहास में अजंता की अनुपम चित्रशाला अद्वितीय है। गुप्त व वाकाटक राज्यों के संयुक्त सांस्कृतिक प्रभाव के द्वारा

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ब्रह्मगिरि , चित्रदुर्ग; कर्नाटक

भूमिका ब्रह्मगिरि ( Brahmagiri ) पुरास्थल वर्तमान कर्नाटक राज्य ( प्राचीन मैसूर ) के चित्तलदुर्ग ( चित्रदुर्ग ) जनपद में स्थित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यहाँ पर ऋषि गौतम अपनी पत्नी अहल्या के साथ रहते थे। गौतम ऋषि सप्तर्षियों में से एक हैं। ब्रह्मगिरि के निकट ही सिद्धपुर और जटिंगरामेश्वर भी स्थित है। ब्रह्मगिरि,

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