प्राचीन भारतीय इतिहास

भारतीय सभ्यता और संस्कृति के स्रोत । प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोत

भूमिका सभ्यता और संस्कृति को प्रायः समानार्थी रूप में प्रयुक्त कर दिया जाता है। परन्तु इसमें भेद है। सभ्यता ( सभ्य + तल् + टाप् ) का शाब्दिक अर्थ है सभ्य होने का भाव या नम्रता और शिष्टता। सभ्यता का सम्बन्ध सामाजिकता से है और इसके अन्तर्गत कुछ विधि-निषेधों का पालन किया जाता है। आँग्ल […]

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भारतवर्ष का नामकरण

भूमिका हमारे देश का नाम ऋग्वैदिक जन ‘भरत’ के नाम पर भारतवर्ष पड़ा है। यद्यपि भारतीय संविधान के अनुच्छेद – १ में इसे ‘भारत अर्थात् इंडिया’ कहा गया है। भारतवर्ष शब्द के प्रयोग का अभिलेखीय साक्ष्य सर्वप्रथम कलिंग नरेश खारवेल के हाथीगुम्फा अभिलेख में मिलता है। यहाँ पर यह शब्द गंगा घाटी या उत्तरी भारत के सन्दर्भ

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हड़प्पा सभ्यता या सिन्धु घाटी सभ्यता

 हड़प्पा सभ्यता या सिन्धु घाटी सभ्यता भूमिका कांस्य युगीन सभ्यता के अन्तर्गत हड़प्पा सभ्यता आती है। जब ताँबे में टिन को मिलाकर कांस्य नामक मिश्रधातु का प्रयोग मानव ने किया। कांस्य सभ्यता सामान्यतः नगरीय सभ्यता कहलाती है। भारतीय उप-महाद्वीप में प्रथम नगरीकरण इसी समय हुआ। हड़प्पा सभ्यता ‘आद्य इतिहास’ के अन्तर्गत आता है। इसे इस

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भारतीय इतिहास की भौगोलिक पृष्ठभूमि या भारतीय इतिहास पर भूगोल का प्रभाव

भूमिका इतिहास की दो आंखें होती हैं – एक कालक्रम और दूसरी भूगोल। अर्थात् इतिहास के निर्धारण में समय और स्थान दो महत्वपूर्ण कारक हैं। भूगोल ऐतिहासिक घटनाओं को निर्धारित करता है। भारतीय इतिहास भी इसका अपवाद नहीं है। इसलिए ‘भारतीय इतिहास की भौगोलिक पृष्ठभूमि’ का अध्ययन अनिवार्य हो जाता है। भारतीय उप-महाद्वीप का क्षेत्रफल

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