अर्थशास्त्र : आचार्य चाणक्य (कौटिल्य) की रचना
भूमिका अर्थशास्त्र हिन्दू राजशासन या राजव्यवस्था की प्राचीनतम् रचना है। इसकी रचना चन्द्रगुप्त मौर्य के गुरु और मंत्री आचार्य चाणक्य ने की थी। इसमें १५ अधिकरण, १८० प्रकरण और ६,००० श्लोक हैं। अर्थशास्त्र ( १५ / १ ) में इसको इस तरह परिभाषित किया गया है – “मनुष्यों की वृत्ति को अर्थ कहते हैं। मनुष्यों […]
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