भूमिका
अफसढ़ ( Aphsad / Aphsarh ) बिहार प्रांत के नवादा जनपद में स्थित है। पास में ही सिक्री नदी ( Sikri River ) बहती है। यह नवादा ( Nawada ) जनपद मुख्यालय से उत्तर-पूर्व में लगभग ४६ किलोमीटर और वारिसलीगंज ( Warisaliganj ) से लगभग ९ किलोमीटर उत्तर की दिशा में स्थित है।
अफसढ़ का ऐतिहासिक महत्त्व इसलिए है क्योंकि यहाँ से परवर्ती गुप्त शासक आदित्यसेन का एक अभिलेख प्राप्त हुआ है। वर्तमान में यह अभिलेख ब्रिटिश संग्रहालय में रखा हुआ है।
यहाँ यह बात विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि परवर्ती गुप्त शासक चक्रवर्ती गुप्त शासकों से भिन्न हैं।
अफसढ़ : संक्षिप्त परिचय
स्थिति : नवादा जनपद, बिहार।
ऐतिहासिक महत्त्व : परवर्ती गुप्त शासक आदित्यसेन का शिलालेख मिला है।
अफसढ़ शिलालेख का खोजकर्ता : मार्खम किटोय ( Markham Kittoe ) द्वारा १८८० ई०। सम्प्रति यह अभिलेख ब्रिटिश संग्रहालय में संरक्षित है।

अफसढ़ शिलालेख
यहाँ से आदित्यसेन का एक लेख मिला है। अफसढ़ अभिलेख से परवर्ती अथवा उत्तर गुप्त वंश ( Later Gupta Dynasty ) के इतिहास पर महत्वपूर्ण प्रकाश डालता है।
अफसढ़ शिलालेख आदित्यसेन शासनकाल में खुदवाया गया था। आदित्यसेन का शासनकाल लगभग ६५५ ई० से ६७५ ई० तक था।
इस शिलालेख से उत्तरगुप्तों की वंशावली कृष्णगुप्त से लेकर आदित्यसेन के समय तक मिलती है।
साथ ही साथ यह लेख मौखरि तथा उत्तरगुप्तों के संघर्ष पर भी प्रकाश डालता है।
आदित्यसेन की उपलब्धियों का वर्णन इसमें मिलता है जहाँ बताया गया है कि ‘उसके श्वेतछत्र से सम्पूर्ण पृथ्वी सदा ढँकी रहती थी।’१
श्वेतातपत्रस्थगितवसुमतीमण्डलो लोकपालः।१
इस लेख से ज्ञात होता है कि आदित्यसेन की माता श्रीमती ने एक विहार तथा उसकी धर्मपत्नी कोणदेवी ने सरोवर का निर्माण करवाया था।
लेख में कोई तिथि नहीं अंकित है। तथापि आदित्यसेन के शासनकाल के आधार पर इसकी तिथि मोटे तौर पर निश्चित की गयी है।
इस अभिलेख के लेखक सूक्ष्मशिवनामक२ का नाम भी इसमें अंकित है।
“सूक्ष्मशिवेन गोडेन प्रशस्तिर्व्विकटाक्षरा ।
…………… मिता सम्यग्धार्मिकेण सुधीमता ॥” २