महाकाव्य युगीन धार्मिक दशा
कर्मकाण्डीय और ज्ञानमार्गीय धर्मों के सामंजस्य से महाकाव्यों ने एक लोकधर्म का विकास किया जो सर्वजन सुलभ था। इसमें वैदिक और अवैदिक विश्वासों का समावेश दिखता है।
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कर्मकाण्डीय और ज्ञानमार्गीय धर्मों के सामंजस्य से महाकाव्यों ने एक लोकधर्म का विकास किया जो सर्वजन सुलभ था। इसमें वैदिक और अवैदिक विश्वासों का समावेश दिखता है।
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भारत का प्राचीन साहित्य बहुत विशाल है । इस लेख में मैंने कुछ रचनाओं को साररूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया है जिनका साहित्यिक , सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व है । इसमें हमने ब्राह्मण साहित्य ( वैदिक साहित्य , वेदांग , धर्मशास्त्र , पुराण , महाकाव्य ) , बौद्ध साहित्य और जैन साहित्य को शामिल किया है ।
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