अहिच्छत्र ( Ahichchhtra )

भूमिका अहिच्छत्र ( Ahichchhtra ) की पहचान उत्तर प्रदेश के बरेली जनपद के आँवला तहसील में स्थित रामनगर से की गयी है। यह उत्तर वैदिक काल में उत्तरी पाञ्चाल की राजधानी थी। महाभारत और पूर्व बौद्ध काल में यह एक प्रसिद्ध नगर था। यह हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्म से सम्बन्धित स्थान रहा है। ऐसा […]

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बाघ की गुफाएँ

भूमिका बाघ की गुफाएँ और उनमें भित्तिचित्रों का निर्माण गुप्तकाल में किया गया। बाघ के गुफाओं की संख्या ९ है। अजन्ता की गुफा संख्या १६, १७ और १९ एवं बाघ की गुफाएँ समकालीन ( गुप्तकालीन ) हैं। जहाँ एक ओर अजन्ता के भित्तिचित्र धार्मिक विषयों पर आधारित हैं तो दूसरी ओर बाघ के भित्तिचित्रों का

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अन्हिलवाड़ ( Anhilwara )

भूमिका अन्हिलवाड़ ( Anhilwara ) गुजरात प्रांत के पाटन जनपद में स्थित है। वर्तमान में इसका नाम पाटन या पाटण ( Patan ) है। यह मध्यकाल में गुजरात की राजनीतिक सत्ता का केन्द्र एक लम्बें समय तक रहा है। अन्हिलवाड़ सरस्वती नदी के तट पर बसा है। यहाँ पर यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है

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अतरंजीखेड़ा ( Atranjikhera )

भूमिका अतरंजीखेड़ा उत्तर प्रदेश के एटा जनपद में गंगा नदी की सहायिका काली नदी के तट पर स्थित एक पुरातात्त्विक स्थल है। अनुश्रुति के अनुसार इस स्थान की नींव बेन ( बेण ) नामक राजा ने डाली थी। यहाँ स्थित टीले की खोज १८६१ – १८६२ ई० में एलेक्जेंडर कनिंघम ने की थी। चीनी यात्री

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अजन्ता की गुफाएँ ( Ajanta Caves )

भूमिका भारतीय भित्तिचित्र कला ने अपनी पराकाष्ठा गौरवशाली गुप्तकाल में देखी जिसकी अभिव्यक्ति अजन्ता और बाघ के गुफा चित्रों में हुई। इसमें से भी गुप्तकालीन चित्रकला के सर्वोत्कृष्ट उदाहरण अजंता से प्राप्त होते हैं। विश्व कला के इतिहास में अजंता की अनुपम चित्रशाला अद्वितीय है। गुप्त व वाकाटक राज्यों के संयुक्त सांस्कृतिक प्रभाव के द्वारा

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ब्रह्मगिरि , चित्रदुर्ग; कर्नाटक

भूमिका ब्रह्मगिरि ( Brahmagiri ) पुरास्थल वर्तमान कर्नाटक राज्य ( प्राचीन मैसूर ) के चित्तलदुर्ग ( चित्रदुर्ग ) जनपद में स्थित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यहाँ पर ऋषि गौतम अपनी पत्नी अहल्या के साथ रहते थे। गौतम ऋषि सप्तर्षियों में से एक हैं। ब्रह्मगिरि के निकट ही सिद्धपुर और जटिंगरामेश्वर भी स्थित है। ब्रह्मगिरि,

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रूपनाथ ( Rupnath ), कटनी; मध्यप्रदेश

परिचय रूपनाथ ( Rupnath ) मध्य प्रदेश के जबलपुर से उत्तर दिशा में कैमूर पर्वत शृंखला के दक्षिणी छोर पर कटनी जनपद में स्थित है। यह एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है। रूपनाथ : संक्षिप्त परिचय नाम – रूपनाथ ( Rupnath ) स्थिति – कटनी जनपद, मध्य प्रदेश। महत्त्व – अशोक का लघु शिलालेख मिला

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भाब्रू या बैराठ या विराटनगर

  भूमिका भाब्रू या बैराठ का प्राचीन नाम विराटनगर मिलता है। यह राजस्थान प्रान्त के जयपुर जनपद में बाणगंगा नदी के तट पर स्थित है। बाणगंगा नदी बैराठ की पहाड़ियों से निकलती है। यह गंभीर नदी की सहायक और यमुना की उपसहायक नदी है। यहीं पर बैराठ सभ्यता पुष्पित-पल्लवित हुई थी। यहाँ ( भाब्रू या

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ऐहोल ( Aihole )

भूमिका ऐहोल ( Aihole ) कर्नाटक प्रांत के बागलकोट जनपद में मालप्रभा नदी के तट पर स्थित है।  इसको मन्दिरों का नगर’ ( Town of Temples ) भी कहा गया है। यहाँ से लगभग ७० मन्दिरों के अवशेष प्राप्त हुए हैं। जैन कवि रविकीर्ति विरचित पुलकेशिन् द्वितीय का ऐहोल अभिलेख भी यहीं से मिलता है।

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एलोरा की गुफाएँ ( Ellora Caves )

भूमिका एलोरा महाराष्ट्र प्रान्त के औरंगाबाद जनपद में स्थित है। यह औरंगाबाद से २९ किलोमीटर उत्तर-पश्चिम और अजन्ता से १३५ किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में है। पास में ही ‘वेलगंगा नदी’ प्रवाहित होती है। यहाँ से मिले उत्कीर्ण अभिलेख के अनुसार इसका प्रचीन नाम ‘एलापुर अंचल’ था। इसका एक अन्य नाम ‘वैरूल’ भी मिलता है। प्राचीन समय

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