भारतीय संस्कृति की विशेषताएँ

भूमिका भारतीय संस्कृति की कुछ ऐसी विशेषताएँ है जो विश्व की अन्य संस्कृतियों में दृष्टिगत नहीं होतीं। अपने विशिष्ट तत्वों के कारण ही भारतीय संस्कृति ने विश्व के देशों में अपने महत्त्व को बनाये रखा है। इनमें कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं – प्राचीनता निरन्तरता और चिरस्थायिता आध्यात्मिकता ग्रहणशीलता समन्वयवादिता धार्मिक सहिष्णुता सर्वांगीणता सार्वभौमिकता प्राचीनता […]

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नृजाति और प्रजाति संकल्पना

भूमिका भारतीय सभ्यता व संस्कृति के अध्ययन के लिए नृजाति और प्रजाति की संकल्पना का सूक्ष्म अवगाहन आवश्यक हो जाता है। क्योंकि विभेदकारी शक्तियाँ भारतीय एकता व अखंडता को कमजोर करने के लिए सदैव क्रियाशील रही है। अतः नृजाति और प्रजाति की संकल्पना के पीछे छुपे कुत्सित प्रयास को समझना आवश्यक है। आदिकाल से ही

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मानव उद्विकास ( Human Evolution )

भूमिका मानव उद्विकास ( Human Evolution ) मुख्य रूप से मैदानी रहन-सहन के प्रति एक प्रकार से अनुकूलन की प्रक्रिया है। जिसमें मानव को कई चरणों से गुजरना पड़ा। यह अनुकूलन प्रक्रिया लाखों वर्षों तक चलती रही और यह अब भी अनवरत जारी है। अफ्रीका महाद्वीप को छोड़कर अन्यत्र मानव उद्विकास की प्रक्रिया उलझी हुई

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अश्मक

भूमिका अश्मक षोडश महाजनपदों में से एक था। यह एकमात्र ऐसा महाजनपद था जो कि दक्षिण भारत में स्थित था। इसको अस्सक और अश्वक भी कहते है। इसकी राजधानी पोटिल या पोटलि या पोतन या पोतना नाम से जानी जाती थी। पोतना की पहचान बोधन से की गयी है जो वर्तमान में निज़ामाबाद जनपद, तेलंगाना

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अवमुक्त

भूमिका अवमुक्त का उल्लेख हमें ब्रह्मपुराण और गुप्त सम्राट समुद्रगुप्त के प्रयाग प्रशस्ति में मिलता है : ब्रह्मपुराण के अनुसार यह गोदावरी नदी के तट पर स्थित था। समुद्रगुप्त के प्रयाग प्रशस्ति के १९वें व २०वें पंक्ति में इसका विवरण सुरक्षित है। अवमुक्त : प्रयाग प्रशस्ति में उल्लेख १९वीं पंक्ति : कौसलक-महेन्द्र-माह[।]कान्तारक-व्याघ्रराज-कौरलक-मण्टराज-पैष्टपुरक-महेन्द्रगिरि-कौट्टूरक-स्वमिदत्तैरण्डपल्लक-दमन-काञ्चेयक-विष्णुगोपावमुरक्तक- २०वीं पंक्ति :

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अवंति ( Avanti )

भूमिका अवंति या अवन्ति  ( Avanti ) मालवा के पठार पर बसा हुआ महाजनपद काल में १६ महाजनपदों में से एक था। वर्तमान में यह मध्यप्रदेश के अंतर्गत आता है। बुद्धकाल में यहाँ का राजा प्रद्योत था। अवंति : भौगोलिक स्थिति अवंति भारतीय उप-महाद्वीप के मालवा क्षेत्र पर स्थित था। वर्तमान में यह मध्यप्रदेश में

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अयोध्या

भूमिका अयोध्या ( Ayodhya ) उत्तर प्रदेश प्रान्त में स्थित एक धार्मिक व ऐतिहासिक महत्त्व की नगरी है। यह पावन सरयू नदी के दायें तट पर बसी हुई है। इसकी प्रसिद्धि का कारण मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की जन्मस्थली है। हिन्दू धर्मावलम्बियों के साथ-साथ यह जैनियों एवं बौद्धों के लिए भी पवित्र मानी गयी है। इसका

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अपरान्त

भूमिका अपरान्त प्राचीनकाल में भारतीय उप-महाद्वीप के पश्चिम में स्थित उत्तरी कोंकण को कहा जाता था। अपरान्त ( अपर + अन्त ) का अर्थ है ‘पश्चिम का अंत’ अर्थात् भारतीय उप-महाद्वीप का पश्चिमी भू-भाग। वर्तमान में यह महाराष्ट्र प्रांत में स्थित है। प्राचीन शूर्पारक बंदरगाह अपरांत में ही स्थित था। पुरातन साहित्यों में उत्तरी कोंकण के

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अफसढ़ ( Aphsad )

 भूमिका अफसढ़ ( Aphsad / Aphsarh ) बिहार प्रांत के नवादा जनपद में स्थित है। पास में ही सिक्री नदी  ( Sikri River ) बहती है। यह नवादा ( Nawada ) जनपद मुख्यालय से उत्तर-पूर्व में लगभग ४६ किलोमीटर और वारिसलीगंज ( Warisaliganj ) से लगभग ९ किलोमीटर उत्तर की दिशा में स्थित है। अफसढ़

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अनूप जनपद

भूमिका अनूप जनपद प्राचीन काल में अवन्ति महाजनपद का दक्षिणी भाग था। यह मध्य प्रदेश के खरगौन जनपद में महेश्वर व उसके आसपास भूभाग से मिलकर बनता था। यह नर्मदा नदी के तट पर बसा हुआ था। अनूप जनपद में ही माहिष्मती बसी थी जिसकी पहचान वर्तमान महेश्वर ( खरगोन ) से की जाती है।

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