बौद्ध और जैन धर्म क्या वैदिक धर्म का सुधारवादी रूप है?

बौद्ध और जैन धर्म क्या वैदिक धर्म का सुधारवादी रूप है? कुछ विद्वानों का विचार है कि जैन तथा बौद्ध — ये दोनों ही धर्म वैदिक धर्म के सुधारवादी स्वरूप थे तथा इस प्रकार उसमें कोई नवीनता नहीं थी। परन्तु कुछ विद्वानों का विचार इसके विपरीत है। सत्य तो यह है कि दोनों ही मतों […]

बौद्ध और जैन धर्म क्या वैदिक धर्म का सुधारवादी रूप है? Read More »

गौतम बुद्ध और महावीर स्वामी : तुलना

गौतम बुद्ध और महावीर स्वामी : तुलना समानता दोनों अनीश्वरवादी हैं। दोनों ने वैदिक कर्मकाण्डों और वेदों की अपौरुषेयता के विरोधी हैं। अहिंसा और सदाचार पर दोनों ने बल दिया है। बुद्ध और महावीर दोनों ने कर्मवाद, पुनर्जन्म एवं मोक्ष में विश्वास करते थे। दोनों विचारकों ने अपने-२ मतों के प्रचार के लिए भिक्षु संघों

गौतम बुद्ध और महावीर स्वामी : तुलना Read More »

बौद्ध धर्म की देन

बौद्ध धर्म की देन बौद्ध धर्म का भारतीय सभ्यता और संस्कृति में योगदान बहुआयामी है :— बौद्ध धर्म ने एक सरल और आडण्बरहीन धर्म प्रदान किया। यह राजा-रंक, ऊँच-नीच आदि भेदभावों से परे सर्वजन सुलभ था। अहिंसा, सहिष्णुता जैसे नैतिक आदर्श को फलीभूत किया। अशोक, कनिष्क, गुप्तवंशीय शासक, हर्षवर्धन आदि में भारतीय राजाओं में धार्मिक

बौद्ध धर्म की देन Read More »

बौद्ध धर्म का उत्थान और पतन

परिचय महात्मा बुद्ध ने जिस धर्म का प्रवर्तन किया वह उनके जीवनकाल में ही उत्तरी भारत का एक लोकप्रिय धर्म बन गया। सम्राट अशोक ने इसे उठाकर अंतरराष्ट्रीय स्वरूप प्रदान किया। बौद्धधर्म का उत्थान और पतन विस्मयकारी है। लगभग सातवीं शताब्दी तक बौद्ध धर्म की निरन्तर प्रगति होती रही तत्पश्चात् उसका क्रमिक ह्रास की शुरुआत

बौद्ध धर्म का उत्थान और पतन Read More »

बोधिसत्व

बोधिसत्व महायान का आदर्श बोधिसत्व है। बोधिसत्व ऐसे व्यक्ति हैं जो निर्वाण प्राप्त कर चुके हैं परन्तु अन्य लोगों के निर्वाण में सहायता करने के लिए आते। बोधिसत्व मानव या पशु किसी भी रूप में हो सकते हैं। कुछ बोधिसत्व निम्न हैं :— अवलोकितेश्वर – ये प्रधान बोधिसत्व हैं। इनका एक अन्य नाम पद्मपाणि भी है। पद्मपाणि

बोधिसत्व Read More »

कुछ प्रमुख बौद्ध विद्वान एवं दार्शनिक

बौद्ध विद्वान एवं दार्शनिक बौद्ध धर्म में बहुत सारे विद्वान और दार्शनिकों का आविर्भाव हुआ जिन्होंने धर्म और दर्शन के विकास में योगदान दिया। इनमें से कुछ प्रमुख बौद्ध विद्वान एवं दार्शनिक निम्न हैं :— अश्वघोष ये कनिष्क के समकालीन एक प्रतिभासम्पन्न कवि, नाटककार, संगीतकार, विद्वान और तर्कशास्त्री थे। अश्वघोष ने बुद्धचरित, सौन्दरानन्द और शारिपुत्र-प्रकरण की

कुछ प्रमुख बौद्ध विद्वान एवं दार्शनिक Read More »

बुद्ध से सम्बंधित व्यक्ति

बुद्ध से सम्बंधित व्यक्ति महात्मा बुद्ध से सम्बंधित व्यक्ति संख्या में बहुत अधिक थे जिनमें से कुछ के नाम उल्लेखनीय है :—   बुद्ध के प्रमुख शिष्य सारिपुत्र, मोद्गलायन, उपालि, सुनीत, अनिरुद्ध, अनाथपिण्डक, जीवक, महाकश्यप, बिम्बिसार, अजातशत्रु, प्रसेनजित, आनन्द आदि। सारिपुत्र ( ब्राह्मण ) और मोद्गालयन दोनों राजगृह के निवासी थे। इन दोनों की मृत्यु

बुद्ध से सम्बंधित व्यक्ति Read More »

योग दर्शन

योग दर्शन परिचय भारतीय दर्शनों में योग ही वैश्विक स्तर पर सर्वाधिक लोकप्रिय है। योग हमें आत्मशुद्धि और आत्मनियंत्रण का व्यावहारिक मार्ग बताता है। २१ जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है। योग दर्शन सांख्य के साथ घनिष्ठ रूप से सम्बंधित है। यह सांख्य दर्शन का व्यावहारिक पक्ष है। इसके प्रवर्तक

योग दर्शन Read More »

बौद्ध धर्म के अन्य प्रमुख उपसम्प्रदाय

बौद्ध धर्म के अन्य प्रमुख उपसम्प्रदाय वज्रयान ईसा की पाँचवीं या छठवीं शताब्दी से बौद्ध धर्म के ऊपर तंत्र-मंत्रों का प्रभाव बढ़ने लगा जिसके फलस्वरूप वज्रयान नामक नये सम्प्रदाय का जन्म हुआ। इस विचाधारा में मंत्रों और तांत्रिक क्रियाओं द्वारा मोक्ष प्राप्त प्राप्ति का मार्ग प्रस्तुत किया गया। वज्रयान विचारधारा में ‘वज्र’ को एक अलौकिक

बौद्ध धर्म के अन्य प्रमुख उपसम्प्रदाय Read More »

महायान की शाखाएँ

महायान की शाखाएँ माध्यमिक ( शून्यवाद ) सम्प्रदाय इस मत के प्रवर्तक नागार्जुन हैं। नागार्जुन ने ‘माध्यमिककारिका’ की रचना की। इसे सापेक्षवाद भी कहा जाता है, जिसके अनुसार प्रत्येक वस्तु किसी न किसी कारण से उत्पन्न हुई है और वह पर-निर्भर है। नागार्जुन ने ‘प्रतीत्यसमुत्पाद’ को ही शून्यता कहा है। इस मत में महात्मा बुद्ध

महायान की शाखाएँ Read More »

Scroll to Top