भूमिका
शिवि (शिबि) प्राचीन भारत में एक महत्त्वपूर्ण गणराज्य था। ३२६ ईसा पूर्व में सिकंदर के भारत पर आक्रमण के समय शिबि गणराज्य झेलम तथा चिनाब के संगम के निचले भाग पर स्थित था। ये मालव गणराज्य के पड़ोसी थे। यूनानी इन्हें ही सिबोई (Siboi) कहते है। इन्हें चीनी यात्री फाहियान द्वारा सिविकस (Sivikas) के रूप में भी पहचाना गया है। कालान्तर में ये चित्तौड़ के समीप माध्यमिका में बस गये।
स्रोत
इनका उल्लेख हमें वैदिक साहित्य, महाभारत, जातकों, पतंजलि कृत महाभाष्य इत्यादि में तो मिलता ही है, साथ यूनानी इतिहासकार भी इसका विवरण देते हैं-
ऋग्वेद
ऋग्वेद में सम्भवतया शिबियों को शिव कहा गया है-
“आ पक्थासो भलानसो भनन्तालिनासो विषाणनः शिवासः।
आ योऽनयसधमा आर्यस्य गव्या तृत्सुभ्यो अजगन्युधा नॄन्..॥७॥”
– सूक्त, १८; सप्तम् मण्डल; ऋग्वेद
महाभारत
महाभारत में पश्चिम दिशा में नकुल द्वारा शिबि को जीतने का विवरण मिलता है।
“तान् दशार्णान् स जित्वा च प्रतस्थे पाण्डुनन्दनः।
शिबींस्त्रिगर्तानम्बष्ठान् मालवान् पञ्चकर्पटान्॥७॥”
– अध्याय ३२, सभापर्व, महाभारत
महाभारत में शिबि राज्य के राजा उशीनर की कथा मिलती है-
राष्ट्रं शिबीनामृद्धं वै ददानि तव खेचर।
यं वा कामयसे कामं येन सर्वं ददानि ते॥२१॥
– अध्याय १३१, वनपर्व, महाभारत
जातक
जातकों में भी हमें शिबि का विवरण मिलता है-
- शिबि नरेश द्वारा राजकुमार बेस्ततर को निर्वासित करने का उल्लेख (बेस्सतर जातक)
- शिबि राज्य के जेत्तपुर का उल्लेख (बेस्सतर जातक)
- शिबि राज्य के अरिट्ठपुर का उल्लेख (उम्मदति जातक)
महाभाष्य
पतंजलि कृत महाभाष्य में शिबिपुर (शिवपुर) नगर का उल्लेख प्राप्त होता है।
भौगोलिक स्थिति

“साहित्य में उशीनरों को अक्सर शिबियों (यूनानी: शिबोई) के साथ जोड़ा जाता है, जिनका मुख्य नगर शिबिपुर को शोरकोट के रूप में पहचाना गया है, जो झंग जनपद (पाकिस्तान) में एक तहसील का मुख्यालय है।” *
“In literature the Usinaras are often associated with the Sibis (Gk. Shiboi) whose chief town Shibipura has been identified with Shorkot, headquarters of a Tehsil in the Jhung district.” *
– India as known to Panini, p. 53; V. S. Agrawala.
शोर सम्भवतया शिवपुर का अपभ्रंश है। शिबिपुर का उल्लेख शोरकोट से प्राप्त एक अभिलेख में हुआ है। यह अभिलेख ८३ गुप्त सम्वत् (४०२ – ०३ ई०) का है।
आईन-ए-अकबरी में अबुल फजल ने शोरकोट के लिए शोर शब्द का प्रयोग किया है।
मकदूनियाई आक्रान्ता सिकन्दर के समय शिबोई (शिबि) लोग झेलम तथा चिनाब के संगम के निचले भाग में निवास करते थे। यूनानियों के अनुसार शिबोइयों के पास ४० सहस्र पदाति सैन्यबल था। ये लोग वन्य-पशु-चर्म-निर्मित वस्त्र धारण करते थे।
राजस्थान में बसना
- बाद में उन्होंने माध्यमिका में अपना राज्य स्थापित कर लिया था।
- माध्यमिका से उनके कुछ सिक्के मिलते हैं।
- माध्यमिका की पहचान चित्तौड़ के समीप नगरी नामक स्थल से की जाती है।
- माध्यमिका का एक नाम ताम्बवती (ताम्रवती) भी मिलता है।
- इन सिक्कों का समय ईसा पूर्व द्वितीय अथवा प्रथम शताब्दी निर्धारित किया गया है।
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