भूमिका
नालनकिल्ली करिकाल का पुत्र और उत्तराधिकारी था। करिकाल के बाद का चोल इतिहास बहुत उलझा हुआ है। नालनकिल्लि द्वारा चोलों के एक अन्य शाखा जो उरैयूर मे शासन करती है से एक लम्बा गृहयुद्ध करने का विवरण मिलता है जिसमें वह अन्ततः सफल हुआ।
संक्षिप्त परिचय
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विवरण
करिकाल के पुत्रों में नालनकिल्लि या नालनकिल्ली या नालंकिल्ली के सम्बन्ध में हमें कुछ ज्ञात है। ऐसा लगता कि इस समय चोल वंश दो शाखाओं में विभक्त हो गया। नलंगिल्ली ने करिकाल के तमिल राज्य पर शासन किया। उसकी एक प्रतिद्वन्दी शाखा नेडुनकिल्लि (Nedunkilli) के अधीन संगठित हो गयी। दोनों के बीच एक दीर्घकालीन गृहयुद्ध छिड़ गया। अन्ततोगत्वा ‘कारियारु के युद्ध’ (battle of Kariyaru) में नेडुनगिल्ली पराजित हुआ तथा मार डाला गया। इस युद्ध का विवरण मणिमेकलै में प्राप्त होता है।
एत्तुथोकै (अष्ट संग्रह) के संग्रह पुरूनानूरू (Purananuru) में कम से कम १४ कविताओं में नालनकिल्लि का विवरण मिलता है।
गृहयुद्ध
पूरनानूरू (Purananuru) में दो चोल शासकों नालनकिल्ली (Nalankilli) और नेडुनकिल्लि (Nedunkilli) के मध्य एक लम्बे युद्ध का उल्लेख मिलता है। यह युद्ध करियारू (Kariyaru) के मैदान में नेडुनकिल्लि की मृत्यु तक चला। ये दोनों चोल चोल परिवारों की प्रतिद्वंद्वी शाखाओं से संबंधित रहे होंगे। इनमें से एक की राजधानी कावेरीपट्टिनम (पुहार) में जबकि दूसरे की राजधानी उरैयूर थी।
चोल वंश या चोल राज्य : संगमकाल (The Cholas or The Chola’s Kingdom : The Sangam Age)