गुप्तवंश : प्रथम शासक पर इतिहासकारों में कुछ विवाद है। इस सम्बन्ध में दो मत हैं—
- गुप्त-राजवंश के प्रथम शासक श्रीगुप्त थे।
- गुप्त-राजवंश के प्रथम शासक घटोत्कच थे।

स्कन्दगुप्त के सुपिया (रीवा) के लेख में भी गुप्तों की वंशावली घटोत्कच के समय से ही प्रारम्भ होती है। इस आधार पर कुछ विद्वानों का सुझाव है कि वस्तुतः घटोत्कच ही इस वंश का संस्थापक था तथा गुप्त या श्रीगुप्त कोई आदि पूर्वज रहा होगा जिसके नाम का आविष्कार गुप्तवंश की उत्पत्ति बताने के लिये कर लिया गया होगा। — सुपिया स्तम्भ-लेख
इसी तरह प्रभावती गुप्त के पूना ताम्र पत्र अभिलेख में भी घटोत्कच को गुप्त-राजवंश का संस्थापक या आदि शासक कहा गया है।
परन्तु इस प्रकार का निष्कर्ष तर्कसंगत नहीं है। गुप्त लेखों में इस वंश का प्रथम शासक श्रीगुप्त की ही कहा गया है। उदाहरणार्थ—
- समुद्रगुप्त का नालन्दा ताम्रलेख
- समुद्रगुप्त का प्रयाग प्रशस्ति
- कुमारगुप्त ( प्रथम ) का बिलसड़ स्तम्भलेख
- स्कंदगुप्त का भीतरी स्तम्भलेख
ऐसा प्रतीत होता है कि यद्यपि गुप्तवंश की स्थापना श्रीगुप्त ने की थी किन्तु उसके समय में यह वंश महत्त्वपूर्ण स्थिति में नहीं था। घटोत्कच के काल में ही सर्वप्रथम गुप्तों ने गंगा घाटी में राजनीतिक महत्त्व प्राप्त की होगी। अल्तेकर तथा आर० जी० बसाक का विचार है कि उसी (घटोत्कच) के काल में गुप्तों का लिच्छवियों के साथ वैवाहिक सम्बन्ध स्थापित किया गया होगा।
सम्भवतः इसी कारण कुछ लेखों में घटोत्कच को ही गुप्तवंश का आदि राजा कहा गया है। उसका (घटोत्कच) भी कोई लेख अथवा सिक्के नहीं मिलते।
कुल मिलाकर निष्कर्ष यह है कि श्रीगुप्त ही गुप्त-राजवंश के आदिराज अथवा प्रथम शासक थे।
FAQ
गुप्त-राजवंश के प्रथम अथवा आदि शासक कौन थे?
Who was the first or the initial ruler of the Gupta dynasty?
Who was the first or the initial ruler of the Gupta dynasty?
गुप्त-राजवंश के प्रथम शासक के विषय में विद्वानों में विवाद है। कुछ विद्वान घटोत्कच को संस्थापक मानते हैं, क्योंकि स्कन्दगुप्त के सुपिया स्तम्भलेख और प्रभावतीगुप्त के पूना ताम्रलेख में वंशावली घटोत्कच से आरंभ होती है। वहीं, श्रीगुप्त को कई लेखों में प्रथम शासक बताया गया है, जैसे समुद्रगुप्त के नालन्दा ताम्रलेख, प्रयाग प्रशस्ति, कुमारगुप्त का बिलसड़ स्तम्भलेख और स्कंदगुप्त का भीतरी स्तम्भलेख।
श्रीगुप्त ने वंश की स्थापना की लेकिन उनके समय में यह वंश महत्त्वपूर्ण स्थिति में नहीं था। घटोत्कच के काल में वंश ने गंगा घाटी में राजनीतिक महत्त्व अर्जित किया और लिच्छवियों के साथ वैवाहिक संबंध स्थापित किए।
निष्कर्षतः श्रीगुप्त गुप्त-राजवंश के वास्तविक प्रथम शासक माने जाते हैं, हालाँकि घटोत्कच के महत्त्व को भी स्वीकारा गया है।