कुमारगुप्त तृतीय (≈ ५३० ई० – ५४३ ई०)

भूमिका

नरसिंहगुप्त बालादित्य के बाद उसका पुत्र कुमारगुप्त (कुमारगुप्त तृतीय) तृतीय मगध का राजा बना। उसके माता का नाम महादेवी मित्रदेवी मिलता है।

संक्षिप्त परिचय

नामकुमारगुप्त (तृतीय)
पितानरसिंहगुप्त बालादित्य
मातामित्रदेवी
पत्नी
पुत्रविष्णुगुप्त
पूर्ववर्ती शासकनरसिंहगुप्त बालादित्य
उत्तराधिकारीविष्णुगुप्त
शासनकाल≈ ५३० ई० से ५४३ ई० तक
उपाधिपरमभागवत, महाराजाधिराज
अभिलेखभीतरी व नालंदा मुद्रालेख

राजनीतिक इतिहास

बुधगुप्त (४७६-४९५ ई०) के बाद गुप्त साम्राज्य तीन भागों में विभाजित हो गया था—

  • मगध
  • मालवा
  • बंगाल

गुप्त साम्राज्य के केन्द्रीय भाग मगध पर नरसिंहगुप्त बालादित्य और उसके उत्तराधिकारियों को हम शासन करता हुआ पाते हैं। इनका शासनकाल और क्रम अधोलिखित है—

  • नरसिंहगुप्त बालादित्य — ≈ ४९५ ई० से ५३० ई०
  • कुमारगुप्त (तृतीय) — ≈ ५३० ई० ५४३ ई०
  • विष्णुगुप्त — ≈ ५४३ ई० से ५५० ई०

कुमारगुप्त तृतीय के पिता का नाम नरसिंहगुप्त और माता का नाम महादेवी मित्रदेवी मिलता है। वह मगध का स्वतंत्र शासक था। “महाराधिराज” विरुद उसके स्वतंत्र गुप्त सम्राट होने का पुष्टि करते हैं। जबकि “परमभागवत” उपधि से ज्ञात होता है कि वह वैष्णव था। इन तथ्यों की पुष्टि उसके स्वयं के भीतरी व नालंदा मुद्रालेख से तो होती ही है। इसके अतिरिक्त उसके पुत्र विष्णुगुप्त के नालन्दा मुद्रा-लेख से भी होती है—

“महा-

राजाधिराज श्री नरसिंहगुप्तस्तस्य पुत्रस्तत्पादानुद्ध्यातो महादेव्यां श्रीमन्मित्र दे-

व्यामुत्पन्न परमभागवतो महाराजाधिराज श्री कुमारगुप्तः [।]”

—पंक्ति संख्या- ६,७, ८; भीतरी व नालंदा मुद्रालेख

***

“महाराजाधिराज श्री नरसिंह[गुप्त]स्तस्य पुत्रस्तत्पादानु[द्ध्यातो]

[महादेव्यां श्री मित्रदेव्यामुत्पन्नो महा]राजाधिराज श्री कुमारगुप्तस्तस्य”

——पंक्ति संख्या- १, २; विष्णुगुप्त के नालन्दा मुद्रा-लेख

कुमारगुप्त तृतीय के समय में भी गुप्त साम्राज्य का पतन जारी रहा। यद्यपि वह मगध के केन्द्रीय भाग पर अधिकारपूर्वक शासन करता रहा।

पश्चिमोत्तर से हूणों के आक्रमण होते रहे। इसी बीच मालवा में औलिकर वंशी यशोधर्मन का उदय हुआ। ये निरन्तर गुप्त साम्राज्य को क्षति पहुँचाते रहे।

कुमारगुप्त तृतीय की किसी राजनीतिक उपलब्धि का हमें ज्ञान नहीं है। उसके बाद विष्णगुप्त शासक बना जो ५५० ईस्वी तक राज्य करता रहा। इसके बाद गुप्त साम्राज्य पूर्णतया छिन्न-भिन्न हो गया।


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