सामान्य परिचय
देश | भारत |
राज्य | गुजरात |
जनपद | भरूच |
उल्लेख | महाभारत में |
भौगोलिक स्थिति

अंकलेश्वर भरूच से लगभग ८ किलोमीटर दक्षिण में स्थित है। प्राचीन समय में नर्मदा के तट पर यह स्थित था परन्तु वर्तमान में यह नदी लगभग ५ किलोमीटर उत्तर में प्रवाहित हो रही है।
प्राचीन उल्लेख
- इस स्थल का वर्णन हमें महाभारत में मिलता है।
- कहा जाता है कि माण्डव्य ऋषि और शाण्डिली अंकलेश्वर के ही निवासी थे।
यह कथा हमें महाभारत के आदि पर्व के अध्याय १०६ और १०७ में मिलती है—
“बभूव ब्राह्मणः कश्चिन्माण्डव्य इति विश्रुतः।
धृतमान् सर्वधमज्ञः सत्ये तपिस च स्थितः॥२॥
स आश्रमपदद्वरि वृक्षमूले महातपाः।
ऊर्ध्वबाहुर्महायोगी तस्थौ मौनव्रतान्वितः॥३॥”
— अध्याय १०६, आदिपर्व, महाभारत
अंकलेश्वर में माण्डव्येश्वर नामक एक प्राचीन शिव मंदिर है।
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